डलहौजी (Dalhousie) – इस शहर का नाम तत्कालीन अंग्रेज ऑफिसर वायसराय लॉर्ड डलहौजी के नाम पर रखा गया है I अंग्रेजों द्वारा इसे 1854 में बसाया गया था
यह शहर अंग्रेज अफसरो के छुट्टियां बिताने के लिए विकसित किया गया था आज भी यहां पर आपको अंग्रेज काल की बनाई गई इमारतें देखने को मिल जाती है
नए साल में अगर आप अपनी फैमिली या अपने दोस्तों के साथ कहीं घूमने जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं तो आपको एक बार डलहौजी (Dalhousie) जरूर जाना चाहिए. यह शहर प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर भारत का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल माना जाता है जिसे भारत का मिनी स्विट्ज़रलैंड (Mini Switzerland) भी कहा जाता है आइए जानते हैं कि आखिर क्यों डलहौजी को भारत का मिनी स्विट्जरलैंड कहा जाता है I
Table of Contents
1. डलहौजी (Dalhousie) कहां स्थित है I
डलहौज़ी – यह भारत के हिमाचल प्रदेश के चम्बा ज़िले में स्थित एक शहर है जो पर्वतो और सुंदर वादियों से घिरा हुआ है
2. डलहौजी (Dalhousie) जाने का सही समय कोनसा है ?
अगर आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ डलहौजी घूमने जाने का प्रोग्राम बना रहे हैं और यह सोच रहे हैं कि डलहौजी कब जाना चाहिए डलहौजी घूमने जाने का सही समय ?
- यदि आप प्राकृतिक सुंदरता और झरनों का आनंद उठाना चाहते हैं तो आपको गर्मियों के मौसम में डलहौजी जाना चाहिए, गर्मियों का मौसम जो की मार्च महीने से शुरू होकर मई , जून तक रहता है
- डलहौजी आप सर्दी के मौसम में भी जा सकते हैं यहां सर्दियों के मौसम में आप शानदार बर्फबारी का आनंद ले सकते हैं यहाँ आप को बड़े बड़े पहाड़ बर्फ की सफ़ेद चादर में लिपटे नजर आएंगे साथ ही आप यहाँ बर्फीले खेलो का भी आनंद ले सकेंगे I सर्दियों के मौसम के कारण इसे भारत का मिनी स्विट्ज़रलैंड (Mini Switzerland) कहते हैI
3. डलहौजी (Dalhousie) कैसे पहुंचे I
डलहौजी पहुंचने के तीन रास्ते हैं जो कुछ इस प्रकार है I
(1). वायु मार्ग: अगर आप हवाई जहाज से डलहौजी आना चाहते हैं तो निकटतम हवाई अड्डा गग्गल है जो डलहौजी से 124 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।
(2). रेल मार्ग: यदि आप डलहौजी रेलवे से आना चाहते है तो दिल्ली से पठानकोट आना होगा, पठानकोट से डलहौजी की दूरी 68 किलोमीटर है I
(3). सड़क मार्ग: यदि आप डलहौजी बस या कार से आना चाहते है तो दिल्ली से जालंधर और फिर जालंधर से पठानकोट तक का सफर तय करना होगा , पठानकोट से डलहौजी केवल 68 किलोमीटर की दूरी पर है।
4. डलहौजी (Dalhousie) का सफर
आज हम बात करेंगे डलहौजी पहुंचने के सबसे सस्ते सफर के बारे में जो की ट्रैन का सफर है
यदि आप डलहौजी (Dalhousie) की यात्रा करना चाहते हैं तो आपको ट्रेन का सफर ही चुनना चाहिए क्योंकि ट्रेन का सफर सस्ता और आरामदायक होता है जिस से आप बिना थके आराम से डलहौजी के सफर में पहाड़ों, वादियों को देखने का आनंद उठा सकते हैं
अब शुरू करते हैं ट्रेन के सफ़र से सबसे पहले आपको आपकी जगह से दिल्ली आना है, जब आप दिल्ली पहुंच जाते हैं तब आपको दिल्ली से पठानकोट के लिए ट्रेन आसानी से मिल जाती है दिल्ली से पठानकोट की दूरी लगभग 500 km है, जिसका किराया लगभग 250 – 300 तक होता है
इस सफर के दौरान आपको ट्रेन के अंदर ही खाने पीने की अच्छी व्यवस्था मिल जाती है जिससे कि आपको कहीं बाहर से कुछ और लेने की जरूरत नहीं पड़ती I
पठानकोट पहुंचने के बाद में आपको पठानकोट से डलहौजी के लिए बस मिल जाएगी जिसका किराया लगभग ₹150 से ₹200 होता है
पठानकोट से डलहौजी के लिये आप टैक्सी भी ले सकते पर वो थोड़ी मंहगी हो सकती है
डलहौजी आने के बाद आपको सबसे पहले ठहरने के लिए रूम लेना होगा जो की आप को लगभग 1 हजार से ₹1500 रूपए तक आसानी से मिल जायेगा
5. डलहौजी (Dalhousie) में घूमने की जगह
अब बात करते हैं डलहौजी में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन-कौन सी है यहाँ घूमने की शुरुआत आपको इन स्थानों से करनी चाहिए जो कुछ इस प्रकार है
1. सतधरा झरना
सतधरा झरना – सतधरा इसका यह नाम सात खूबसूरत झरनों के एक साथ मिलने के कारण से रखा गया है। सतधरा झरना यह चंबा घाटी में मौजूद है झरना प्रकर्ति की बेहद खूबसूरत रचना है, जो सफ़ेद बर्फ की चादर से ढके पहाड़ों और देवदार के पेड़ों से घिरा हुआ है। ये जगह उन लोगों के लिए स्वर्ग के सामान हे जो भीड़-भाड़ वाली जिंदगी से दूर होकर थोड़ा समय शांति और प्रकति के साथ बिताना चाहते हैं। सतधरा झरने के अंदर कई औषधीय गुण पाए जाते हैं इन औषधीय गुणों के कारण भी यह प्रसिद्ध है, क्योंकि सतधरा के पानी में कई रोगों को ठीक करने के चिकित्सीय गुण मौजूद हैं। आप अगर डलहौजी आते हे तो सतधरा झरना देखना बिलकुल न भूले I
2. खज्जियार
खज्जियार – डलहौजी में घूमने की सबसे अच्छी जगहों में से एक है यहाँ हर साल लाखो की संख्या में लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ अपनी छुटिया बिताने आते है लेकिन यहाँ ज्यादातर वह लोग जिनकी नयी – नयी शादी हुई है वो लोग यहाँ अपने हनीमून के लिए आते है यह जगह खास तौर पर कपल्स के लिए ही मशहूर है यह जगह डलहौजी शहर से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है यह जगह चारो और से घने देवदार के पेड़ों से घिरी हुई है यह जमीन से लगभग 6500 फीट की ऊंचाई पर पहाड़ो के बीच मौजूद है खज्जियार अपनी प्राकृतिक सुंदरता और सुंदर व मनमोहक दृश्यों की वजह से सबसे अच्छी जगह बना हुआ है इस जगह पर आप पैराग्लाइडिंग, ट्रैकिंग, घुड़सवारी, जॉबिंग जैसे कई मजेदार खेलों का आनंद ले सकतेI
3. पंचपुला
पंचपुला – यह स्थान डलहौजी से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है पंचपुला का अर्थ होता है पांच पुल क्योकि इस जगह पर मौजूद प्राकृतिक कुंड और उस पर बने 5 छोटे छोटे पुलों के कारण इस जगह का नाम पंचपुला रखा गया है इस वजह से यह डलहौजी का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है साथ ही यहाँ के आकर्षण का प्रमुख केंद्र यहां बहने वाले झरने भी है जो हर किसी को अपनी और आकर्षित करते हैं साथ ही आप यहां पर ट्रैकिंग का भी आनंद ले सकते हैं और यहां के नजारे हर किसी को अपना दीवाना बना लेते हैं
4. बकरोटा हिल्स (बारापत्तर हिल्स) डलहौजी
बकरोटा हिल्स (बारापत्तर हिल्स) डलहौजी – यह जगह डलहौजी की सबसे ऊंचे इलाकों में से एक है इस जगह से डलहौजी को देखने पर एक अलग ही नजारा मिलता है क्योंकि यहां का दृश्य आपको एक अलग ही दुनिया का लगेगा यहां से आप डलहौजी की असल खूबसूरती का अहसास कर पाएंगे
5. डैनकुंड पीक (सिंगिंग हिल)
डैनकुंड पीक – इस जगह को सिंगिंग हिल के नाम से भी जाना जाता है, जो डलहौजी के समुद्र तल से लगभग 2755 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। आपको बता दें की डैनकुंड पीक (सिंगिंग हिल) डलहौजी का सबसे ऊंचा स्थान है इस वजह से यहां से आप बेहद सुन्दर घाटियों और पहाड़ों के अद्भुत नज़ारो का आनंद ले सकते हैं। जिन लोगो को परकृति से प्रेम है उन लोगो के लिए यह जगह किसी स्वर्ग की तरह है। डैनकुंड पीक (सिंगिंग हिल) यह अपनी खूबसूरत बर्फ से ढकी चोटियों और हरे-भरे वातावरण के लिए जाना जाता है।
6. माल रोड
यदि आप डलहौजी घूमने आये है तो माल रोड जाना बिलकुल भी नहीं भूले, माल रोड में घूमने का भी अपना अलग ही मजा है। यहाँ आप अपने पार्टनर, दोस्तों या परिवार के साथ मिलकर शाम के समय माल रोड घूमने जा सकते हैं। शाम के समय माल रोड के बाजार वहा की दुकनो और लाइटों से जगमगाता हुआ नजर आता है। यहाँ आप अपने लिए काफी कुछ यादगार के तोर पर खरीददारी भी कर सकते है साथ ही दोपहर में सेंट जॉन्स चर्च और सेंट फ्रांसिस चर्च जा सकते हैं। माल रोड जाने के बाद आप ढाबे पर खाना खाने के लिए रुक सकते हैं।